अपने सुनने पर विश्वास न करोअपने देखने पर विश्वास न करोतुम्हें अंधकार दिखता हैमगर शायद वह रोशनी है […]
Bertolt Brecht
17 जून के विद्रोह के बादलेखक संघ के सचिव नेस्टालिनाले में पर्चे बंटवाएयह बताते हुए कि जनता नेअपने […]
सुर्ख गुलाब भी अब तो गायब हुआ कहाँ है गिरा वह दिखता नहीं गरीबों को उसने जीना सिखाया […]
The lucidity of Brecht’s journal entries is remarkable. He is a master of aphorisms, yet he never allows […]