व्यावहारिकताओं ने इतने वर्षों में
हमारे रिश्ते पर
धूल के कितने परत डाल दिए हैं
हमारे प्यार तक पहुँचने को
आज खुदाई की ज़रूरत पड़ेगी
वे नहीं समझेंगे
और हम भी कहाँ समझते हैं
कि सोने पर धूल के परत जम जाएँ
और वो काला दिखे
मगर जौहरी जानता है
कि परतों के नीचे सोना छिपा है
हमारा प्यार आज भी ज़िंदा है गहरा है
उसका भूत वर्तमान भविष्य सब सुनहरा है
***
प्यार खत्म नहीं होता
वो स्रोत है जीवंतताओं का
तरलताओं का
उसका सूखना
सृष्टि की एकता का टूटना है
अंतरिक्ष में तैरते
अचानक संपर्क का छूटना है
(१६/०९/२०१९)
Bahut Sundar!!
बहुत सुंदर।