जब अपने ही लोग पराये हो जाएँ
तो ये मत समझो कोई नहीं है तुम्हारा
तुम्हारा सुरक्षाकवच छल ले कोई
तो ये मत समझो कहीं नहीं है सहारा
मीलों तक फैले रास्ते कितने हैं जिनको
बसेरा कहीं नहीं मिला आओ देखो
ये सभी तुम्हारी तरह ही हैं सूर्यपुत्र
सूतपुत्र और बेबस महिलाओं के बच्चे
तपती धरती ने इनको पाला है संभाला है
सूरज की किरणों ने चलना सिखाया है
जीवन से मरने तक जलते ही रहना
हलाहल इस सृष्टि ने ऐसा पिलाया है
ऐसा नहीं है ये जानते नहीं हैं
अपने पराये में फर्क करते नहीं हैं
ये आना और जाना इन्हें सब पता है
सदियों से चलती आई कथा है
तुम आओ सही और अपने को जानो
आग़ोश में इनके मिलता सहारा
जब धरती फटेगी फिर बादल छँटेगा
कहाँ होगा ये हमारा तुम्हारा
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सड़क पर आओ तो सही फेंक दो सभी
सहारे जो बांधते हैं तुम्हें तुम्हें आश्रित
करते हैं छीनते हैं तुमको तुमसे तुममें
सूर्य है भस्म करता नवजीवन दान देता