एक ने शुरुआत की और दूसरे ने
नतीज़े तक पहुँचाया
एक ही के अनेक रूप हैं
चढ़ता और उतरता
ताप
ये पहर सुबह से क्या दोपहर से भी
अलग नज़र आया
हर पहर देख मन भरमाया और फिर
फिर वही
क्या नया पहर आया?
एक ने शुरुआत की और दूसरे ने
नतीज़े तक पहुँचाया
एक ही के अनेक रूप हैं
चढ़ता और उतरता
ताप
ये पहर सुबह से क्या दोपहर से भी
अलग नज़र आया
हर पहर देख मन भरमाया और फिर
फिर वही
क्या नया पहर आया?
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