जो तुम्हारे हाथ से चला गया वो चला गया
जो अभी जा रहा है वो अभी गया नहीं
वामनों की भीड़ लगी
मोहिनी भी मस्त चली
उन्हें इंतजार है तुम्हारे खोने का
मानने का सोने का
मंत्रोच्चारणों से गूंज रहे
दिनरात मंदिरों के प्रांगण
देवों की बारात सजी
आज तुम्हारे आंगन
जो तुम्हारे हाथ से चला गया वो चला गया
जो अभी जा रहा है वो अभी गया नहीं
वामनों की भीड़ लगी
मोहिनी भी मस्त चली
उन्हें इंतजार है तुम्हारे खोने का
मानने का सोने का
मंत्रोच्चारणों से गूंज रहे
दिनरात मंदिरों के प्रांगण
देवों की बारात सजी
आज तुम्हारे आंगन