उबलने तो दो इसे 


तुम अपनी चाय कड़क चाहते हो ना
तो इतनी जल्दी में क्यों हो
जरा उबलने तो दो
सब्र करो

समय–समय पर
चूल्हे से पतीले को हटाना
फिर चम्मच से चाय को चखना
बेकार है

रही सही गर्मी भी इसकी निकाल देते हो
अपनी बेसब्री में

बाहर कड़ाके की सर्दी है
और तुम चाहते हो कड़क चाय
तो उबलने तो दो इसे

तब तक चूल्हे के पास बैठ
ताप सेंको
अपने में कुछ गर्मी लाओ
खूब–खूब सुनो
कुछ तुम भी बतियाओ
और इंतजार करो
चाय के उबलने का

फिर देखो
चाय–चीनी
दूध–पानी
आग के कमाल को
चाय के उबाल को

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