महान फ्रांसीसी दार्शनिक और गणितज्ञ ब्लेज़ पास्कल की पुस्तक पौंसे (Pensees) के एक अनुच्छेद का अनुवाद राजाओं को […]
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1 “भेड़िया आया, भेड़िया आया” वाली कहानी याद कीजिए। वह एक बच्चे की कहानी है जो ‘भेड़िया आया, […]
सर्वहाराकरण की तेज होती प्रक्रिया के कारण उभरतीं दमित उत्कंठाओं को फासीवाद इस रूप में अभिव्यक्ति देकर संघटित […]
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को शिक्षा नीति न कह कर शैक्षणिक औद्योगिक नीति कहना उचित रहेगा। 1984-85 […]
कल Indian Express में एक वरिष्ठ पत्रकार का लेख पढ़ने के बाद हमें आप से सुनना है आप […]
तुम नास्तिक थे क्योंकि तुम्हें विश्वास नहीं था किसी सत्ता पर और उस पर तो बिलकुल ही नहीं […]
There is a nostalgia among Indian liberals regarding everything today. Even on the question of Kashmir we are […]
तुम जहाँ भी देखते हो पकड़ लेते हो अपनी बाँहों में जकड़ लेते हो नज़र चुराएँ तो कैसे […]
1. When we talk about reactionary politics, it is always in contrast to “progressive” politics. So this is […]
अत्तुं वाञ्छति शांभवो गणपतेराखुं क्षुधार्तः फणी तं च क्रौंचरिपो: शिखी गिरिसुतासिंहोऽपि नागाशनम्। इत्थं यत्र परिग्रहस्य घटना शंभोरपि स्याद्गृहे […]